मरने से पहले अधूरी रह गई श्रीदेवी की ये 5 ख्वाहिशें, जानकर निकल आएंगे आंखों से आंसू
बॉलीवुड की सदाबहार एक्ट्रेस रही श्रीदेवी ने आज ही के दिन दुबई में दुनिया को अलविदा कहा था. जिनकी आज दूसरी पुण्यतिथि हैं. लेकिन बहुत काम लोगों को पता होगा की, मरने से पहले श्रीदवी की कई ख्वाहिशें अधूरी रह गई थी. तो आइये जानते कौन कौन सी ख्वाहिशें पूरी करने से पहले उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा था.

1 . श्रीदेवी चाहती थी की, उनकी तरह उनकी बड़ी बड़ी जाह्नवी कपूर बॉलीवुड में आकर उनकी तरह नाम कमाए. वह चाहती थी की उनकी बेटी को सिल्वर स्क्रीन पर देखें लेकिन बेटी के डेब्यू से पहले ही उनका निधन हो गया.
2 . श्रीदेवी का सपना था की, वह अपनी दोनों बेटियों जाह्नवी और ख़ुशी की धामधूम से शादी कराये. लेकिन बेटियों को विदा करने से पहले खुद श्रीदेवी ने दुनिया से विदाई ले ली.

3 . बता दे की, श्रीदेवी की और एक और सपना था की, उन्हें भी राष्ट्रीय पुरस्कार मिले. श्रीदेवी के फिल्मी करियर में कई ऐसे मौक़े आए जब श्रीदेवी सहित उनके लाखों चाहने वालों को लगा कि, श्रीदेवी को इस बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा.
लेकिन ऐसा हो नहीं सका और जब पुरस्कारों की घोषणा हुई तो वह पुरस्कार श्रीदेवी की जगह किसी और अभिनेत्री के पास चला गया. लेकिन उनकी यह ख्वाहिश उनके मरने के बाद पूरी हुई. बता दे की, उनके निधन के 48 दिन बाद को उनकी 300वीं और अंतिम फिल्म 'मॉम' के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था.
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1 . श्रीदेवी चाहती थी की, उनकी तरह उनकी बड़ी बड़ी जाह्नवी कपूर बॉलीवुड में आकर उनकी तरह नाम कमाए. वह चाहती थी की उनकी बेटी को सिल्वर स्क्रीन पर देखें लेकिन बेटी के डेब्यू से पहले ही उनका निधन हो गया.
2 . श्रीदेवी का सपना था की, वह अपनी दोनों बेटियों जाह्नवी और ख़ुशी की धामधूम से शादी कराये. लेकिन बेटियों को विदा करने से पहले खुद श्रीदेवी ने दुनिया से विदाई ले ली.


3 . बता दे की, श्रीदेवी की और एक और सपना था की, उन्हें भी राष्ट्रीय पुरस्कार मिले. श्रीदेवी के फिल्मी करियर में कई ऐसे मौक़े आए जब श्रीदेवी सहित उनके लाखों चाहने वालों को लगा कि, श्रीदेवी को इस बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा.
लेकिन ऐसा हो नहीं सका और जब पुरस्कारों की घोषणा हुई तो वह पुरस्कार श्रीदेवी की जगह किसी और अभिनेत्री के पास चला गया. लेकिन उनकी यह ख्वाहिश उनके मरने के बाद पूरी हुई. बता दे की, उनके निधन के 48 दिन बाद को उनकी 300वीं और अंतिम फिल्म 'मॉम' के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था.
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